भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं ने उत्तराखंड के कई जिलों में स्कूलों की आधारभूत संरचना को बुरी तरह प्रभावित किया है। विशेषकर ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित स्कूल भवन जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं।
#उत्तराखंड #प्राकृतिकआपदा #स्कूलसंरचना #शिक्षासंकट
कई स्कूल— जिसमें रामनगर के भी शामिल हैं— अब टिन-शेड या आंगनवाड़ी केन्द्रों में कक्षाएं चला रहे हैं।
रामनगर क्षेत्र के कई प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की इमारतें असुरक्षित घोषित की जा चुकी हैं। इसके चलते स्थानीय प्रशासन ने वैकल्पिक स्थानों पर बच्चों को पढ़ाने की अस्थायी व्यवस्था की है, लेकिन इनमें मूलभूत सुविधाओं का भारी अभाव है।
#रामनगर #शिक्षासंकट #टिनशेडस्कूल #आंगनवाड़ी
कई जगहों पर दीवारें दरकने लगी हैं, छज्जे गिर रहे हैं, और बिजली के तार खतरनाक स्थितियों का सामना कर रहे हैं।
स्कूलों की दीवारें और छतें अब दुर्घटना के कगार पर हैं। बिजली के खुले तार और टूटी हुई खिड़कियाँ बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन चुकी हैं। इससे कई माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकिचा रहे हैं।
#जर्जरइमारतें #बच्चोंकीसुरक्षा #शिक्षाकोखतरा #इंफ्रास्ट्रक्चरफेल
शिक्षा मंत्री द्वारा मरम्मत का वादा मार्च 2026 तक पूरा करने का किया गया है, लेकिन ₹72 करोड़ की अनुमानित लागत कहीं अधिक प्रतीत होती है।
राज्य सरकार ने स्कूलों की मरम्मत के लिए ₹72 करोड़ का बजट अनुमानित किया है, जिसे मार्च 2026 तक लागू करने का वादा किया गया है। हालांकि, स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार यह लागत ज़मीनी हकीकत के मुकाबले अपर्याप्त हो सकती है।
#शिक्षामंत्री #सरकारीवादा #मरम्मतयोजना #बजटकम
इस स्थिति ने मिडिल स्कूल और प्राथमिक स्तर पर पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई और सुरक्षा दोनों को गम्भीर संकट में डाल दिया है।
शैक्षिक सत्र के बीच में इस तरह की आपदा से बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। जहां एक ओर शिक्षकों को अस्थायी व्यवस्थाओं में पढ़ाना पड़ रहा है, वहीं बच्चों की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा पर भी प्रश्नचिन्ह लगा है।
#बच्चोंकीशिक्षा #सुरक्षाकासंकट #शिक्षा_पर_संकट #गंभीरस्थिति











0 Comments