रामनगर में दशकों पुराने कांग्रेस कार्यालय को खाली कराने के उप जिलाधिकारी (एसडीएम) के आदेश का मामला अब उत्तराखंड उच्च न्यायालय पहुँच गया है। शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने एसडीएम के आदेश पर सवाल उठाए और इस संबंध में राज्य सरकार तथा कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम ने रामनगर की स्थानीय राजनीति में हलचल तेज कर दी है। #रामनगर #कांग्रेसकार्यालय #उत्तराखंडहाईकोर्ट #CongressOffice #RamnagarPolitics
मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने दलील दी कि रामनगर प्रशासन ने बिना किसी ठोस कानूनी आधार के और जल्दबाजी में कांग्रेस कार्यालय को खाली करने का नोटिस जारी कर दिया। यह भवन दशकों से पार्टी की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। याचिका में यह भी कहा गया कि प्रशासन की यह कार्रवाई राजनीतिक द्वेष से प्रेरित हो सकती है और यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाधा डालने का प्रयास है। #जनहितयाचिका #एसडीएमरामनगर #राजनीतिकविवाद #PIL #HighCourtHearing
वरिष्ठ न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद उप जिलाधिकारी की कार्रवाई की प्रक्रिया पर गहरी आपत्ति जताई। न्यायालय ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि एक सार्वजनिक भूमि पर स्थित किसी भी निर्माण को हटाने की एक निर्धारित कानूनी प्रक्रिया होती है, जिसका प्रथम दृष्टया पालन नहीं किया गया लगता है। न्यायालय ने पूछा कि क्या कार्यालय खाली कराने से पहले सभी कानूनी पहलुओं की जांच की गई थी। #उच्चन्यायालय #कानूनीप्रक्रिया #सरकारीआदेश #UttarakhandNews #Judiciary
उच्च न्यायालय ने इस मामले में राज्य सरकार के मुख्य सचिव, जिलाधिकारी नैनीताल, उप जिलाधिकारी रामनगर और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर अपना-अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। अब सभी की निगाहें सरकार और कांग्रेस पार्टी के जवाब पर टिकी हैं, जिसके बाद ही न्यायालय इस मामले में अपना अंतिम फैसला सुनाएगा। तब तक के लिए, कार्यालय पर किसी भी तरह की कार्रवाई की संभावना कम हो गई है। #नोटिसजारी #नैनीतालजिला #उत्तराखंडसरकार #कांग्रेसपार्टी #LatestNews RamnagarOnline.com
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