रामनगर के #ढिकुली गांव में पिछले एक महीने से 292 परिवार पानी की किल्लत से जूझ रहे हैं। #जलजीवनमिशन के तहत कनेक्शन मिलने के बावजूद नलों में पानी नहीं आ रहा, जिससे गर्मी में लोग परेशान हैं। पिछले एक साल में 4 करोड़ 46 लाख रुपये खर्च होने के बाद भी पानी की समस्या बरकरार है। मुख्य कारण है कि बनाए गए पानी के टैंक को भरने के लिए नलकूप स्थापित नहीं हो पा रहा है। दो बार बोरिंग के प्रयास विफल हो चुके हैं।
#रामनगर में कुल 20,381 पानी के कनेक्शन हैं, जिनमें ढिकुली के 292 परिवार शामिल हैं। पहले भी यहाँ पानी की समस्या थी। जल निगम और जल संस्थान जंगलों के प्राकृतिक स्रोतों से पानी की आपूर्ति करते हैं, लेकिन गर्मी में स्रोतों का पानी कम होने से घरों तक पानी नहीं पहुँच पा रहा। पिछले एक महीने से यह समस्या जारी है, जिससे लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो रहा, और पानी की कमी उनके लिए अभिशाप बन गई है।
पिछले साल मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद यहाँ पानी की व्यवस्था के लिए 4 करोड़ 46 लाख रुपये आवंटित किए गए। इसके तहत 1 लाख केसीएल क्षमता का टैंक बनाया गया, लेकिन नलकूप स्थापित करने में जल निगम और यांत्रिक शाखा नाकाम रही। इससे लोग पानी के लिए तरस रहे हैं और महंगे टैंकरों पर निर्भर हैं।
नलकूप के लिए दो बार बोरिंग की कोशिश की गई, लेकिन 800 फीट की आवश्यक गहराई के मुकाबले 180 फीट से आगे बोरिंग नहीं हो पाई। यही समस्या का मुख्य कारण है।
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